दिल से ज़बा पर आ जाने वाली कुछ वो बातें, जिन्हें दिल ही महसूस कर पता है, उसी पर आधारित है यह ब्लॉग, प्रेरणा है मेरी प्रेमिका ..
Friday, December 27, 2013
दर्द
उसी के तरीके से उसे कुछ बताना था...
हमें भी है दर्द बस यही जताना था ....
जख्म
जख्म भी तुम्हारा...
मलहम भी तुम्हारा ...
कर के दिल की टुकड़े टुकड़े...
पूछती हो की क्या हाल है तुम्हारा ..
गहराई
प्यार देख मेरा वो बोला गहराई बहुत है..
कहा मैंने मायने ना पूछ मेरे दोस्त ..
अंदर घना अँधेरा भी बहुत है ..
Wednesday, December 18, 2013
रूह
सुना है रूह के बिना जिस्म में जान नहीं..
अपनी रूह को तेरे जिस्म से अलग कैसे करू ?
Sunday, December 15, 2013
संवाद
भावनाओ का समन्दर है मुझमे...
शब्दों की लरह सी है...
प्यार की कसक है तुझमे..
संवाद की महक सी है ..
Friday, December 13, 2013
वजूद
तेरी याद में खोये इस कदर..
इस दिल को भी अपना वजूद याद ना रहा..
Wednesday, December 11, 2013
ठिकाना
भूल जाते है लोग ठिकाना छोड़ जाने के बाद...
आती है बहुत याद उसी ठिकाने पर आने के बाद..
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